परमेश्वर की खुदाई की शान और उसका एहसान, धन्यवाद मेहरबान, सब तेरी इज्जत
और इकराम, नहीं कोई तुझ से न तो किसी से, तो सक्षम तो निर्माता तो प्राणी,
तो भगवान सब कुछ तो ही तो,
बस एक पूड़ी और लीजिए हमारे कहने से
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दामादों की ससुराल में बड़ी आवाभगत हुआ करती थी उस जमाने में। पहली बार पत्नी
को लेने रात भर की बस यात्रा करके जब ससुराल पहुंचे तो भूख लग आई थी। ससुराल
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