Tuesday, February 03, 2009

आधुनिक ब्रा डिजाइन

6 टिप्पणियाँ:

Vinay said...

आप सादर आमंत्रित हैं, आनन्द बक्षी की गीत जीवनी का दूसरा भाग पढ़ें और अपनी राय दें!
दूसरा भाग | पहला भाग

अविनाश वाचस्पति said...

यह हाथ किसके हैं
वर्ड वेरीफिकेशन हटाएं
वरना कमेंट करने
वापिस नहीं लौटूंगा
और सब भी बस
हो जायेंगे
मत समझना
यहीं पर बस जायेंगे।

विष्णु बैरागी said...

यह तो पहले से ही अन्‍दर रहती है। अब, इस अन्‍दर के अन्‍दर भी हाथ पहुंच गए।

वर्ड वेरीफिकेशन से चिढ होती है।

संजय बेंगाणी said...

यह अन्दर की बात अन्दर ही रहने दो नो भाई :)

Shuaib said...

सभी का धन्यवाद
वर्ड वेरीफिकेशन हटादिया
अब खुलकर टीपें :)

अविनाश वाचस्पति said...

लो जी टीप दिया दोबारा

अब फिर पोस्‍ट लगाओ

तो हो फिर पौ बारह।

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