बस एक पूड़ी और लीजिए हमारे कहने से
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दामादों की ससुराल में बड़ी आवाभगत हुआ करती थी उस जमाने में। पहली बार पत्नी
को लेने रात भर की बस यात्रा करके जब ससुराल पहुंचे तो भूख लग आई थी। ससुराल
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4 टिप्पणियाँ:
जिससे सामने वाले की नजरें सदा नीची ही रहें
माफी चाहूंगा पर यह हिन्दुस्तान है, हम एसा सोच सकते हैं सोचने की आजादी है हमें पर परोसने की नहीं, आपसे अनुरोध है कि इस तरह की अश्लील सामग्री नेट पर न परोसें तो हम ब्लागर्स पर बहुत मेहरबानी होगी, आगे आपकी और भारत गणराज्य की सरकार की मर्जी
अबी आते होगे बिना लाग लपेट के कहने वाले।आप जैसे मर्दों को लतिआने और यह कहने कि कोई कुछ भी पहने तुमको क्या।आउर यह भी सुनना पडेगा कि तुम्हारी नजर ही गन्दी है।चारो ओर गन्द कर रखा हुया है।न गालिया पडे तो कहना
वैसे सोचने की बात तो है कि लड़कियां स्कर्ट इस लिए पहनती हैं?
sab thik hai duniya ke sath chalana bura to nahi hai hamari soch thik honi chahiye jab koiyi father apani daughter ko dekhata hai tab use bura nahi lagata [smart thinking good people] kuchh galat nahi GALAT HAI AAPKI NAJAR
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