असीमितताओं के दायरे
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असीमित क्या है? कुछ भी असीमित नहीं होता, हर चीज़ की एक सीमा होती है [...]
Tuesday, February 03, 2009
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चलता फिरता ब्लॉग چلتا پھرتا بلاگ
6 टिप्पणियाँ:
आप सादर आमंत्रित हैं, आनन्द बक्षी की गीत जीवनी का दूसरा भाग पढ़ें और अपनी राय दें!
दूसरा भाग | पहला भाग
यह हाथ किसके हैं
वर्ड वेरीफिकेशन हटाएं
वरना कमेंट करने
वापिस नहीं लौटूंगा
और सब भी बस
हो जायेंगे
मत समझना
यहीं पर बस जायेंगे।
यह तो पहले से ही अन्दर रहती है। अब, इस अन्दर के अन्दर भी हाथ पहुंच गए।
वर्ड वेरीफिकेशन से चिढ होती है।
यह अन्दर की बात अन्दर ही रहने दो नो भाई :)
सभी का धन्यवाद
वर्ड वेरीफिकेशन हटादिया
अब खुलकर टीपें :)
लो जी टीप दिया दोबारा
अब फिर पोस्ट लगाओ
तो हो फिर पौ बारह।
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